डॉ कलाम का अपना
✨Real life motivation 🔥
डॉ.कलाम का सपना था कि वे भारतीय वायु सेना (Air Force) में पायलट बनें। उन्होंने पायलट की परीक्षा दी और 25 उम्मीदवारों में से 9वें स्थान पर आए, लेकिन केवल पहले 8 का चयन हुआ। यह उनकी जिंदगी की पहली बड़ी असफलता थी।
इस असफलता से टूटे हुए कलाम आत्ममंथन के लिए उत्तराखंड के ऋषिकेश चले गए। वहाँ उन्होंने गंगा नदी में स्नान किया और फिर स्वामी शिवानंद के आश्रम पहुँचे — जहाँ उन्हें एक साधु ने गीता का पाठ पढ़ाया और गहराई से समझाया।
स्वामी शिवानंद ने कहा:
> "जो होना था, वो हो गया। अब जो होगा, वो तुम्हारी सोच और समर्पण पर निर्भर है। तुम इस दुनिया के लिए बने हो — सिर्फ एक पायलट बनने के लिए नहीं। खुद को पहचानो और आगे बढ़ो।"
इस संदेश ने कलाम को गहराई से छू लिया। उन्होंने खुद को वैज्ञानिक अनुसंधान और देश सेवा के लिए समर्पित कर दिया।
और वही युवक, जो एयरफोर्स का पायलट नहीं बन सका, आगे चलकर भारत का मिसाइल मैन और फिर राष्ट्रपति बना।
प्रेरणा:
"असफलता कभी अंत नहीं होती, जब तक तुम हार नहीं मानते।"
"हर असफलता में एक नया रास्ता छुपा होता है — बस उसे देखने की नजर चाहिए।"
प्रामाणिक स्रोत:- Wings of Fire book
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